Thursday, September 11, 2014

सुखार्थिनः कुतो विद्या …… 


सच है सुख की कामना रखने वालों विद्या की प्राप्ति कैसे हो सकती है ? सुख पूर्वक समय बिताने वाला सफलता के ऊँचे पायदान पर अपना कदम कैसे रख सकता है ? माना ज़माना बदल गया परन्तु कठिन परिश्रम और लगन से अध्ययन  करने वाला हीं सफल हो कर समाज में अपनी पहचान बना सकता है ।  Facebook , internet , mobile , T.V. , ए. सी. , कूलर,  फैन्सी ड्रेस  यहां तक  कि चटपटे भोजन की कामना रखने वालों को असफलता अविलम्ब अपने साथ लगा  लेती है ।  
पाना चाहो जीवन में कुछ , ना करना विश्राम । 
जैसी करनी करोगे प्यारे , वैसे पाओ परिणाम ॥



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